’कृपा’ मतलब आशिर्वाद और ’सिंधु’ मतलब सागर। यह सागर जलसे भरा नही बल्की यह उस अनादिअनंत का है जिसका अस्तित्व विश्व निर्मिति से पेहेले भी था और प्रलय के पश्चात भी होगा । इस लिए यह सागर अनंत है. यह ’परमात्मा’, ’सद्गुरु’ है ।